प्रशासनिक विधि को विभिन्न लेखकों के द्वारा विभिन्न तरीके से परिभाषित किया गया है परंतु उन परिवारों में से कोई भी परिभाषा ऐसी नहीं है जो प्रशासनिक विधि के समस्त पहलुओं को अपने भीतर समावेशित कर सके। प्रत्येक परिभाषा की कुछ ना कुछ कमी अवश्य है। यह परिभाषाएं निम्न प्रकार से रखी जा सकती हैं –
जेनिंग्स की परिभाषा
प्रशासनिक विधि प्रशासन से संबंधित विधि है या प्रशासनिक अधिकारियों के संगठन शक्तियों एवं कर्तव्यों को सुनिश्चित करता है।
जनिक्स की उपरोक्त परिभाषा की दो प्रमुख कमियां है –
- यहां परिभाषा प्रशासनिक विधि एवं संवैधानिक विधि के बीच के अंतर नहीं करती है।
- जेनिंग्स ने अपने परिभाषा के अंतर्गत प्रशासनिक विधि के अंतर्गत आने वाले प्रशासन के नियंत्रनात्मक पहलू को छोड़ दिया है।
ग्रिफिथ और स्ट्रीट की परिभाषा
ग्रिफिथ और स्ट्रीट के अनुसार प्रशासनिक विधि का तात्पर्य है एवं इस में सम्मिलित है –
- प्रशासनिक पदाधिकारियों के द्वारा किए जाने वाले शक्तियों के प्रकार
- इन शक्तियों की सीमाएं
- इन शक्तियों के ऊपर नियंत्रण
यदि ग्रिफिथ और स्ट्रीट की परिभाषा की तुलना आईवर जेनिंग्स की परिभाषा से की जाए तो स्पष्ट होगा कि जहां एक और ग्रिफिथ और स्ट्रीट ने प्रशासनिक विधि के नियन्तणात्मक पहलू को समाहित किया है वहीं दूसरी तरफ उन्होंने प्रशासनिक विधि के अंतर्गत प्रशासन की संरचनात्मक पहलू को छोड़ दिया है।
अतः ग्रिफिथ और स्ट्रीट की परिभाषा भी अपने आप में पूर्ण नही है।
प्रोफेसर वेड की परिभाषा
“सबसे आसान परंतु सबसे कम संतोषप्रद प्रशासनिक विधि की परिभाषा या हो सकती है कि यह वह विधि है जो राज्य की प्रशासनिक शाखा से संबंधित है “
प्रोफेसर वेड स्वयं यह मानते हैं कि उनकी परिभाषा सबसे कम संतोषप्रद है वे पहले यह मानकर चलते हैं कि राज्य कि तीनों शाखाओं प्रशासनिक (कार्यपालिका ) विधायिका एवं न्यायपालिका को पृथक – पृथक रखा जा सकता है जबकि अपने कठोरतम रूप में शक्ति पृथकरण का सिद्धांत किसी भी देश में आधुनिक युग में लागू नहीं होता है ।
स्वार्ट्ज की परिभाषा
” प्रशासनिक विधि प्रशासन को नियंत्रित करने वाली विधि है ना कि प्रशासन द्वारा उत्पन्न विधि ।”
स्वार्टज की परिभाषा की भी कमियां है इसकी मुख्य कमी यह है कि उन्होंने प्रशासनिक विधि के अंतर्गत अध्ययन किए जाने वाले प्रशासन के संरचनात्मक वालों को नजरअंदाज कर दिया है ।
डायसी की परिभाषा
डायसी के अनुसार “प्रशासनिक विधि राष्ट्र की विधि प्रणाली की उस भाग से संबंधित है जो सभी राज्य पदाधिकारियों की विधिक प्रस्थिति और दायित्व अवधारित करती है, जो प्राइवेट व्यक्तियों के अधिकारों और दायित्वों को लोक पदाधिकारियों के साथ व्यवहार करने पर परिनिश्चित करती है, और जो प्रक्रिया विनिर्दिष्ट करती है जिसके द्वारा उन अधिकारो और दायित्वों को प्रवर्तित किया जा सकता है “
यह परिभाषा अत्यंत संकुचित और एकांगी है क्योंकि इसमें लोक पदाधिकारियों के नियंत्रण पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है और प्रशासनिक विधि के अन्य पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया गया है । डायसी ने यह परिभाषा ड्रायट एडमिनिस्ट्रेटिव को ध्यान में रख कर दिया है ।
के सी डेविस की परिभाषा
“प्रशासनिक विधि, प्रशासनिक अभिकरणों की शक्तियों एवं प्रक्रियाओं से संबंध रखने वाली विधि है, जिसमें विशेष रुप से प्रशासनिक कार्यवाही ओके न्यायिक पुनर्विलोकन को शासित करने वाली विधि सम्मिलित है।”
डेविस की उपरोक्त परिभाषा से स्पष्ट है कि वे प्रशासनिक विधि के नियंत्रण आत्मक पाल ऊपर विशेष बल देते हैं जबकि उसके संगठनात्मक पहलू को नजरअंदाज कर देते हैं ।
ए० डी० मारकोस की परिभाषा
“प्रशासनिक विधि को निम्नलिखित को सम्मिलित करने वाली विधि कहा जा सकता है-
प्रशासनिक प्रक्रिया तथा कृत्य से संबंधित समस्त विधिक नियम जिनका उद्देश्य लोक विधि के उद्देश्यों को पूरित करना होता है तथा प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर न्यायालयों, विधायिका तथा उच्च प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा प्रयुक्त समस्त विधिक नियंत्रण”
हालांकि डॉ मारकोश की परिभाषा अपने आप में एक संपूर्ण परिभाषा कही जा सकती है क्योंकि इसमें प्रशासनिक विधि की संगठनात्मक एवं नियंत्रण आत्मक दोनों पहलुओं को सम्मिलित किया गया है परंतु यह परिभाषा इतनी विस्तृत है कि यह किसी परिभाषा के गुणों को ही खो देती है एवं प्रशासनिक विधि की परिभाषा ना होकर उसका स्पष्टीकरण प्रतीत होता है ।